Not known Facts About bhoot ka kahani

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टनल के उपर काम कर रहे लोग दौड़कर टनल के अंदर झुक कर देखने लगे। तो उन्‍होने देखा कि वो आदमी टनल के अंदर जमीन पर बेहोश पड़ा है और उसके हाथ में माचिस थी। किसी तरह उसे बाहर निकाला गया और उसे इलाज के लिए अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। वो आदमी जिंदा बच गया और उसने आपनी आप बीती लोगों को बतायी लेकिन कुछ दिनो के बाद उसका मानसिक सुतुलन बिगड़ गया।

मेरा घर बस थोड़ी ही दुरी पर था। पर अब वो एक दूसरा रास्ता लेके खेतो की तरफ बढ़ने लगा। मैंने उसको कहा अरे भाई कहा जा रहे है हो, कब से देख रहा हूँ, बड़े ही चुप हो और ये खेतो की तरफ कहा जा रहे हो?

मुझे लगा शायद वह दुकानदार मुझे ही खराब माँस मछली दे रहा है। इसलिए उससे जागड़ा की थी। फिर उसने पूछा था कि मैं कहाँ रहता था। मैंने अपने बिल्डिंग का नाम बताया तो पूछने लगा, " क्या आप ब्रिज से चलते माँस मछली घर ले जाते हैं?

जब वे दौड़कर वहाँ पहुँचे तो उन्होंने देखा कि वहाँ पर उनका बेटा नहीं था।

सोनू के पापा : क्या हुआ बेटा तुम उदास क्यूं हो ?

वह बौद्धिक और आत्मिक दृष्टि से समृद्धि की ओर बढ़ने का निर्णय कर राजू ने विश्वास किया कि खिलौना उसे वास्तविक खुशी दे सकता है। उसने खिलौने को सबसे सुंदर स्थान पर ले जाने का निर्णय किया और यहाँ भी उसे नई राहों, नए संभावनाओं और नए दोस्तों की प्राप्ति हुई।

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हिंदुओं में गोमांस और मुसलमानों में पोर्क पूरी तरह प्रतिबंध‍ित है। लिहाजा सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया। इसी विद्रोह के दौरान मेजर चार्ल्स बर्टन और उसके दो जुड़वां बेटे कोटा रेजीडेंसी में रहते थे। *** भवन के सेंट्रल हॉल में हुआ नरसंहार *** सिपाहियों ने विद्रोह की जंग छेड़ दी और ब्रिज भवन को घेर लिया। उस वक्त मेजर बर्टन की सुरक्षा में महज एक ऊंट-चालक था। सिपाहियों के गुस्से को देख मेजर के दोनों बेटे ऊपर के माले पर चले गये और चिल्ला-चिल्ला कर मदद मांगने लगे।

दूसरी बात उसी वक्त की है जब हम कार में रहते थे। गर्मी का मौसम था। हम रात को टेरेस पे या अपने रूम के बाहर सोते थे। हमारे रूमके बायें तरफ सीढ़िया ऊपर जाती थी , कुछ सीढ़ियों के बाद एक बड़ा स्पेस था उसके बाद फिर सीढ़ियाँ ऊपर गुजरातियों के घर के तरफ जाती थी। उस बड़े स्पेस में तुम्हारे अरविंद मामा सोते थे।

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बेताल पच्चीसी

उस ताड़ के पेड़ के पास एक महिला अपने पति व एक बच्चे के साथ रहती थी। उसका पति बड़ा ही धूर्त व आलसी किस्म का शख्स था और उसे बात-बात पर झूठ बोलने की आदत थी। इस वजह से वह महिला अपने पति से बेहद परेशान रहती थी। काफी दूर तक पैदल चलने के बाद जब मोहन ताड़ के पेड़ के पास पहुंचा तो वह औरत घर के बाहर निकली। घर के आंगन में प्रवेश करते हुए मोहन लड़खड़ा कर गिर पड़ा और उसका एक हाथ औरत के गाल पर तमाचे की तरह लग गया।

आदमी हंसते हुए उत्तर दिया, “भूत? नहीं, यहाँ कोई भूत नहीं है। मैं यहाँ एक महिला के साथ रहता हूँ और हम यहाँ शांति से जी रहे हैं।”

लेकिन ये रूहे भी कभी किसी को परेशान नहीं करना चाहती है। ये भी अपनी दुनिया में अलग तरह से here विचरण करती रहती है। आईऐ आज लंदन के उस कब्रिस्‍तान की सैर करें।हाईगेट कब्रिस्‍तान का इतिहासहाईगेट कब्रिस्‍तान उत्‍तरी लंदन में बनाया गया एक कब्रिस्‍तान है। यह काफी बड़ा और विशाल है। इस कब्रिस्‍तान में कई गेट है।

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